अप्रवासी भारतीय विशाल जैन मुंबई के अंधेरी में राहत शिविर में.
खास बातें
- विशाल जैन का परिवार हरियाणा में है, जहां वे जा नहीं सकते
- मुंबई में विशाल जैन का अपना कोई दोस्त या रिश्तेदार नहीं
- सामान क्लॉक रूम में रखा, बाद में लॉकडाउन में फंस गए
मुंबई:
कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से मजदूर, बेघर और भिखारियों की परेशानी देखकर महाराष्ट्र सरकार ने 262 रिलीफ कैम्प बनाए हैं जिनमे 70 हजार से भी ज्यादा लोगों ने शरण ली है. मुंबई (Mumbai) में बीएमसी के एक ऐसे ही रिलीफ कैम्प में बेघर और भिखारियों के साथ एक NRI भी रहने को मजबूर है. ब्रिटेन में रहने वाले विशाल जैन मुंबई आए थे. वे अपना सामान क्लॉक रूम में रखकर शहर में थे. इसी बीच 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा हो गई. वे तब से रिलीफ कैंम्प में हैं. उनका परिवार हरियाणा में है, जहां वे जा नहीं सकते और मुंबई में उनका कोई नहीं है.
मुंबई के अंधेरी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बने बीएमसी (BMC) के इस रिलीफ कैम्प में करीब 75 बेघर लोग हैं जिन्हें अंधेरी के ही स्थानीय युवक भोजन और पानी दे रहे हैं. युवकों को का कहना है कि विशाल खुद भी होटल या कहीं अलग नहीं रहना चाहते हैं.
पूरे राज्य में ऐसे 262 रिलीफ कैम्प बनाए गए हैं जहां 70 हजार से भी ज्यादा लोगों को शरण दी गई. सभी को भोजन और पानी भी दिया जा रहा है पर ज्यादातर चाहते हैं कि उन्हें उनके घर जाने दिया जाए.
अपना घर, अपना होता है चाहे झोपड़ा ही क्यों ना हो. यही वजह है कि गरीब मजदूर भी चाहे जैसे हों, अपने घर जाना चाहते हैं. पर सरकार की भी अपनी मजबूरी है. कोरोना से बचने के लिए उसे लॉकडाउन का पालन करवाना है, कहीं प्यार से, तो कहीं डंडे से.
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