Coronavirus: Do not get out of the house in lockdown … Police explained, if people do not agree, perform aarti! – Coronavirus: लॉकडाउन में घर से मत निकलो…पुलिस ने समझाया, नहीं माने तो आरती उतारी! देखें VIDEO

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Coronavirus: लॉकडाउन में घर से मत निकलो...पुलिस ने समझाया, नहीं माने तो आरती उतारी! देखें VIDEO

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में घर से बाहर निकले एक व्यक्ति की आरती उतारते हुए पुलिस कर्मी.

खास बातें

  • खंडवा में नाबालिग घर से बाहर निकला तो अस्पताल पहुंचा दिया गया
  • इंदौर में स्वास्थ्य कर्मियों को लोगों ने गालियां दीं, उन पर थूका गया
  • राजगढ़ के कॉन्स्टेबल ने इटावा से पैदल सफर करके ड्यूटी ज्वाइन की

भोपाल:

Coronavirus का संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन के दौरान देश के कई हिस्सों से अलग-अलग तस्वीरें आ रही हैं. कहीं पर पुलिस के साथ ज्यादती की गई तो कहीं लोगों पर पुलिस ने ज्यादती की, कहीं सरकारी कर्मचारियों से बदतमीजी की गई. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से पुलिस की बेहद अलग तस्वीर सामने आई है, जहां लोगों को लॉकडाउन के लिए समझाने, मनाने, बताने के लिए पुलिस वाले गाना गा रहे हैं. जो फिर भी नहीं मान रहे हैं, उनकी चौराहे पर आरती की जा रही है…वाकई कोरोना वायरस की महामारी से सभी को बचाने के लिए ऐसा हो रहा है.

बिलासपुर जिले के पुलिस कप्तान प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि “पुलिस ने कई लोगों की आरती उतारकर उनको समझाया… हम कोरोना (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के लिए हर संभव उपाय कर रहे हैं.”

लेकिन मध्यप्रदेश के खंडवा में लॉकडाउन के दौरान एक नाबालिग का घर से बाहर निकलना उसके लिए इतना भारी पड़ा कि वह सीधे अस्पताल पहुंच गया. पुलिस वालों ने उसे बुरी तरह पीटा. अब सीएसपी ललित गठरे कह रहे हैं कि वीडियो पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में आया है, जो उचित कार्रवाई है वो होगा.

 

राज्य में इंदौर में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज हैं, वहीं रानीपुरा में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि लोग उन्हें गालियां दे रहे हैं, उन पर थूका जा रहा है. इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा ” पुलिसकर्मी, स्वास्थ्य विभाग के लोग, नगर निगम के कर्मचारी मोहल्ले के रहवासियों के स्वास्थ्य के लिए कर रहे हैं, उनकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है अगर उनके साथ बदसलूकी हुई तो हम एफआईआर दर्ज करेंगे.”

ऐसे में कर्तव्य के लिए समर्पण की एक तस्वीर आई राजगढ़ से… जहां पचोर में पदस्थ कॉन्स्टेबल  दिग्विजय शर्मा जो 16 मार्च को अपने ग्रेजुएशन की परीक्षा के लिए अपने घर इटावा गए थे. वे बगैर सुविधा कई किलोमीटर पैदल चले, कहीं लिफ्ट मिली.. भूखे रहे. लेकिन आखिरकार 28 मार्च को राजगढ़ पहुंचकर ड्यूटी ज्वाइन कर ली.

 

उन्होंने कहा कि “24 को मुझे वापस आना था, 25 को पैदल निकला, फिर लिफ्ट ली करनवास थाने जब आया तो टीआई साहब को बताया उन्होंने गाड़ी भेजी… मैं लगभग 15-20 घंटे पैदल चला.”



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