अमरनाथ यात्रा पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका पर दखल करने से SC का इनकार.
नई दिल्ली:
कोरोना संकट काल में इस साल होने वाली अमरनाथ यात्रा पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इंकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि यात्रा हो या नहीं ये तय करना कार्यपालिका का काम है कोर्ट का नहीं. अदालत ने कहा कि इस मामले को सरकार पर छोड़ देना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि यात्रा और स्वास्थ्य दोनों कार्यपालिका के क्षेत्राधिकार में हैं. अदालत जिला प्रशासन का काम अपने पर नहीं ले सकती. कोर्ट ने कहा, ‘यात्रा का आयोजन और उसके दौरान स्वास्थ्य के लिए बरती जाने वाली सावधानियों पर फैसला लेना सरकार का काम है. ऐसा करते वक्त सभी दिशानिर्देशों का पालन हो.’ कोर्ट की तरफ से कहा गया है कि याचिकाकर्ता इस संबंध में सरकार को प्रतिनिधित्व दे सकता है.
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याचिकाकर्ता के वकील देवदत्त कामत ने कहा कि ‘सरकार ने धार्मिक मण्डली पर प्रतिबंध लगा दिया था. 29 जून, 2020 को लॉकडाउन फिर से खोलने के लिए दिशा-निर्देशों के साथ केंद्र के आदेश में यह स्पष्ट था कि सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, खेल समारोहों की अनुमति नहीं है. इन कार्यों को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है.’
इस पर जस्टिस केएम जोसेफ ने सवाल किया कि ‘क्या धार्मिक समारोह की कोई परिभाषा है?’ वहीं, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘यह यात्रा एक समारोह है? यह एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा तीर्थ यात्री पूजा स्थल तक जाते हैं. ये केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देश हैं. यात्रा एक केंद्र शासित प्रदेश में आयोजित की जा रही है जहां MHA की एक बड़ी भूमिका है, वे मुद्दे के प्रति सचेत हैं. इसमें हमें क्यों हस्तक्षेप करना चाहिए?’
कामत ने अपनी दलील में कहा कि यह एक सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दा है. इसी तरह का मुद्दा उठा था जगन्नाथ यात्रा मामले में तो इस अदालत ने हस्तक्षेप किया और शुरू में यात्रा को प्रतिबंधित कर दिया था और फिर कहा था कि आम जनता को अनुमति नहीं दी जा सकती.
बता दें कि यह याचिका अमरनाथ बर्फ़ानी लंगर संगठन ने दायर की है जिसमें कहा गया है कि यात्रा में सालाना दस लाख से ज़्यादा भक्त आते हैं जिससे उनमें कोरोना फैलने का ख़तरा बना रहेगा. याचिका में मांग की गई है कि यात्रा पर रोक लगाने के साथ ही सरकार इंटरनेट और टीवी चैनलों के ज़रिए अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के लाइव दर्शन का इंतजाम कराया जाए, ताकि कोरोना काल में संकटग्रस्त दुखी करोड़ों जनता दर्शन कर सकें.
लंगर ऑर्गेनाइजेशन ने याचिका में कहा है कि यात्रा पर रोक लगाना श्रद्धालुओं के हित में भी है. याचिका में सलाह दी गई है कि मौजूदा हालात को देखते हुए न तो श्रद्धालुओं के लिए और न ही प्रशासन के लिए यात्रा करवाना सही है. इसमें पुलिस, सुरक्षाबल, श्रमिकों, घोड़ेवालों, सामान ढोने वालों और दुकानदारों का एक जगह इकट्ठा होना नि:संदेह कोविड के खतरे के मद्देनजर सही नहीं होगा. इसलिए यात्रा इस बार आयोजित ही नहीं होनी चाहिए.
Video: 21 जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा, रहेंगी ये पाबंदियां
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