Dharavi is the worldwide position mannequin for covid administration: CM Uddhav Thackeray

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कोविड प्रबंधन के लिए धारावी वैश्विक रोल मॉडल है : सीएम उद्धव ठाकरे

WHO से मिली प्रशंसा के परिप्रेक्ष्य में यह बात शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कही. (FILE PIC)

मुंबई:

मुंबई में धारावी झुग्गी झोपड़ी कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए वैश्विक रोल मॉडल के रूप में उभरी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से मिली प्रशंसा के परिप्रेक्ष्य में यह बात शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कही. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने मरीजों के आने का इंतजार करने के बजाय, उनके संपर्कों का पता लगाने, पृथक-वास में भेजने और घर में पृथक करने संबंधी अपने परंपरागत दृष्टिकोण में बदलाव कर सक्रियता से स्क्रीनिंग शुरू करने पर जोर दिया. धारावी में कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के प्रयासों की डब्ल्यूएचओ द्वारा सराहना किये जाने के बाद बीएमसी ने कहा है कि निजी चिकित्सकों के सहयोग और सामुदायिक सहभागिता के जरिये सक्रियता से की गई ‘स्क्रीनिंग’ ने इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद की. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक तेदरोस अधानोम गेब्रेयसस ने जिनेवा में ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शुक्रवार को कहा था कि विश्व भर से ऐसे कई उदाहरण हैं जो यह दर्शाते हैं कि भले ही महामारी का प्रकोप प्रचंड हो, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है.

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उन्होंने कहा था, ‘‘और इनमें से कुछ उदाहरण हैं इटली, स्पेन और दक्षिण कोरिया तथा धारावी में भी- जो मुंबई महानगर का बेहद घनी आबादी वाला क्षेत्र है.” एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी को एक समय कोविड-19 हॉटस्पॉट घोषित किया गया था और अब यहां इस वायरस के प्रसार पर नियंत्रण पा लिया गया है. ठाकरे ने कहा कि धारावी ने दुनिया को दिखाया है कि कोरोना वायरस के प्रसार को आत्म अनुशासन और सामुदायिक प्रयासों से रोका जा सकता है. उन्होंने कहा कि धारावी में 82 फीसदी रोगी संक्रमण से उबर चुके हैं, जिससे वहां इलाज करा रहे मरीजों की संख्या महज 166 रह गई है. उन्होंने बयान जारी कर कहा, ‘‘धारावी दुनिया के लिए प्रेरणास्रोत है कि महामारी के प्रसार पर कैसे काबू पाएं.”

बीएमसी के जी उत्तरी वार्ड के सहायक आयुक्त किरण दिघावकर ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि नगर निकाय ने मरीजों के अस्पताल आने का इंतजार नहीं किया बल्कि स्वास्थ्य कर्मियों ने घर घर जाकर संभावित मरीजों का पता लगाया. उन्होंने कहा, ‘‘इससे मामलों का जल्द पता लगाने, समय पर इलाज और मरीजों को स्वस्थ होने में मदद मिली.” वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘धारावी में कम से कम छह से सात लाख लोगों की स्क्रीनिंग की गई है, जबकि 14,000 लोगों की जांच की गई है और 13,000 लोगों को चिकित्सा सुविधाओं और सामुदायिक रसोई के साथ संस्थागत पृथक-वास में भेजा गया.”

आधिकारिक आंकड़े के अनुसार अप्रैल में मामलों के दोगुना होने की दर 18 दिन थी जबकि मई में इसमें सुधार हुआ और यह 43 दिन हो गई और जून और जुलाई में क्रमश: यह 108 और 430 दिन है. धारावी में अब तक कोविड-19 के मामलों की कुल संख्या 2,359 है. इस समय केवल 166 मरीज उपचाराधीन हैं और 1,952 मरीजों को अब तक अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है.

दिघावकर ने कहा, ‘‘धारावी की कम से कम 80 प्रतिशत जनसंख्या 450 सामुदायिक शौचालयों पर निर्भर है और प्रशासन ने एक दिन में कई बार इन शौचालयों को संक्रमण मुक्त किया.” उन्होंने कहा कि इसके अलावा, बुजुर्ग लोगों की विशेष देखभाल की गई और 8,246 वरिष्ठ नागरिकों का सर्वेक्षण किया गया. वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सामुदायिक सहभागिता धारावी में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में महत्वपूर्ण रही है और स्थानीय सामुदायिक नेताओं को ‘‘कोविड योद्धा” नियुक्त किया गया था.

 

धारावी को कहा जा रहा था इंडिया का वुहान!

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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