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नई दिल्ली:
यूपी पुलिस ने विकास दुबे को एनकाउंटर में मार गिराया है. पुलिस के मुताबिक शुक्रवार सुबह उज्जैन से लौटते समय कानपुर के पास गाड़ी की दुर्घटना के बाद विकास के एनकाउंटर की घटना को अंजाम दिया गया. यूपी पुलिस विकास को अपने साथ लेकर आ रही थी. शुक्रवार सुबह पुलिस के काफिले की एक गाड़ी पलट गई. इसके बाद विकास दुबे ने पुलिस से पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की. विकास ने पुलिस पर फायरिंग की जिसका जवाब देते हुए विकास की पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई. हालांकि अब इस एनकाउंटर को लेकर सवाल उठने लगे हैं.
स्पेशल टास्क फोर्स के दावे की यह हैं खास बातें…
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उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गैंगस्टर विकास दुबे से संबंधित कथित मुठभेड़ मामले में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि कानपुर के सचेंडी थाना क्षेत्र में दुबे को लेकर आ रहे वाहन के सामने अचानक मवेशियों का झुंड आ जाने के कारण गाड़ी पलट गई और उसके बाद हुए घटनाक्रम में दुबे मारा गया.
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एसटीएफ ने शाम को जारी एक बयान में कहा कि दुबे को एसटीएफ के उपाधीक्षक तेज बहादुर सिंह के नेतृत्व में सरकारी वाहन से लाया जा रहा था. यात्रा के दौरान कानपुर के सचेंडी थाना क्षेत्र में कन्हैयालाल अस्पताल के सामने अचानक गाय-भैंसों का एक झुंड भागता हुआ सड़क पर आ गया. लंबी यात्रा से थके वाहन चालक ने हादसा टालने के लिए वाहन को अचानक मोड़ा जिससे वह अनियंत्रित होकर पलट गया.
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बयान के मुताबिक इस घटना में वाहन में बैठे पुलिस अधिकारी और कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए और क्षणिक रूप से बेहोशी में चले जाने की वजह से उनके साथ बैठा अपराधी विकास दुबे हालात का फायदा उठाते हुए घायल इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी की सरकारी पिस्टल निकालकर भागने लगा.
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इसकी जानकारी मिलने पर एसटीएफ के उपाधीक्षक तेज बहादुर सिंह और उनके साथियों ने दुबे का पीछा किया तो उसने पुलिस से छीनी गई पिस्तौल से गोलियां चलाईं. दुबे को जिंदा पकड़ने की पूरी कोशिश की गई लेकिन वह पुलिस पर गोलियां चलाता रहा.
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एसटीएफ द्वारा आत्मरक्षा में चलाई गई गोली से दुबे घायल हो गया. उसे सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
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बयान के मुताबिक दुबे द्वारा की गई फायरिंग में एसटीएफ के मुख्य आरक्षी शिवेंद्र सिंह सेंगर और कांस्टेबल विमल यादव घायल हो गए हैं. उनका इलाज चल रहा है.
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गौरतलब है कि पिछली दो-तीन जुलाई की दरमियानी रात को कानपुर के बिकरु गांव में घात लगाकर किए गए हमले में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का मास्टरमाइंड विकास दुबे शुक्रवार सुबह उज्जैन से कानपुर लाते वक्त सचेंडी थाना इलाके में हुई कथित मुठभेड़ में मारा गया.
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विकास दुबे का एनकाउंटर जिन परिस्थितियों में हुआ है, राजनीतिक दलों ने उस पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने एनकाउंटर के तरीकों पर सवाल उठाए हैं. बसपा प्रमुख मायावती ने इस पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट द्वारा जांच की भी अपील की है.
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दुर्दांत अपराधी विकास दुबे की शुक्रवार को कथित मुठभेड़ में मौत के बाद अपराधियों को हथकड़ी लगाने या न लगाए जाने को लेकर बहस छिड़ गई है. एक तरफ सवाल है कि पुलिस ने दुबे जैसे बदमाश को हथकड़ी क्यों नहीं लगा रखी थी, तो दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के वे निर्देश हैं, जिनमें वह हथकड़ी लगाए जाने को ””अमानवीय, अनावश्यक तथा कठोर और मनमाना तरीका करार दे चुका है.
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कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों समेत कई हत्याओं में आरोपी विकास दुबे का पोस्टमार्टम खत्म हो गया है और शव को उसके रिश्तेदारों को सौंप दिया गया है.
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